किराना बंद की अफवाह
उल्हासनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के लॉकडाऊन की घोषणा के तुरंत बाद नागरिक घरों से बड़ी संख्या में बाहर निकले. दोपहिया वाहनों पर तो युवा भी बेवजह ही घूमते नजर आए. कुछ इलाकों में किराना, डेयरी व मेडिकल में भीड़ नजर आई. इसी दौरान जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यभर में कर्फ्यू लगाने और सड़क पर बेवजह उतरने वालों पर कार्रवाई का कदम उठाया तो कुछ इलाकों में मंगलवार से किराना बंद किए जाने की अफवाह भी फैल गई, जिससे किराना दूकानों में अचानक लोगों की भीड़ बढ़ गई.
किराना वाले भी परेशान
अचानक बढ़ी भीड़ से किराना वाले भी परेशान हुए और पुलिस व प्रेस में फोन कर इसकी सच्चाई जानने का प्रयास करने लगे. जब उन्हें बताया गया कि ऐसा कोई आदेश नहीं है और जीवनावश्यक वस्तुओं की दूकानें यथावत खुली रहेंगी तो उन्हें राहत मिली. लेकिन दूकान में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ उनसे संभाले नहीं संभल रही थी.
अचानक बढ़ी भीड़ से किराना वाले भी परेशान हुए और पुलिस व प्रेस में फोन कर इसकी सच्चाई जानने का प्रयास करने लगे. जब उन्हें बताया गया कि ऐसा कोई आदेश नहीं है और जीवनावश्यक वस्तुओं की दूकानें यथावत खुली रहेंगी तो उन्हें राहत मिली. लेकिन दूकान में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ उनसे संभाले नहीं संभल रही थी.
2-2 महीने का राशन भरा
अफवाहों पर विश्वास नहीं करने का जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त, पुलिस सहित सरकार की ओर से बार-बार अपील की जा रही है. अखबारों व टीवी चैनलों के माध्यम से बार-बार यह भी बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंप, दवा दूकानें, किराना, सब्जी-फल, डेयरी बंद नहीं होंगे, बावजूद इसके कुछ इलाकों में किराना दूकानों में भीड़ देखी गई. कुछ लोग तो 2-2 महीने का राशन भर रहे हैं. कुछ तो दोपहिया पर अनाज के बोरे व तेल के पीपे लादे ले जाते देखे गए.
अफवाहों पर विश्वास नहीं करने का जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त, पुलिस सहित सरकार की ओर से बार-बार अपील की जा रही है. अखबारों व टीवी चैनलों के माध्यम से बार-बार यह भी बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंप, दवा दूकानें, किराना, सब्जी-फल, डेयरी बंद नहीं होंगे, बावजूद इसके कुछ इलाकों में किराना दूकानों में भीड़ देखी गई. कुछ लोग तो 2-2 महीने का राशन भर रहे हैं. कुछ तो दोपहिया पर अनाज के बोरे व तेल के पीपे लादे ले जाते देखे गए.
100 में कैसे बेचें सैनिटाइजर
इधर, मेडिकल स्टोर्स में भी लोग अनावश्यक दवाएं खरीदने में लगे हुए हैं. लोग डर के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार, एसीडिटी आदि की दवाएं खरीद कर घर में रख रहे हैं. वहीं मास्क व सैनिटाइजर भी खरीद रहे हैं. मेडिकल वालों को सख्त आदेश है कि वे बिना बिल के सैनिटाइजर व मास्क नहीं बेचेंगे. इसकी जांच के लिए मनपा की टीम लगातार बस्तियों में स्थित मेडिकल दूकानों में बार-बार पहुंच रही है. कुछ मेडिकल संचालकों का कहना है कि ग्राहकों की भीड़ और उस पर टीम द्वारा परेशान किए जाने से वे त्रस्त हो गए हैं. जनता की सेवा के लिए वे रात 12 बजे तक भी दूकान में बैठ रहे हैं.
इधर, मेडिकल स्टोर्स में भी लोग अनावश्यक दवाएं खरीदने में लगे हुए हैं. लोग डर के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार, एसीडिटी आदि की दवाएं खरीद कर घर में रख रहे हैं. वहीं मास्क व सैनिटाइजर भी खरीद रहे हैं. मेडिकल वालों को सख्त आदेश है कि वे बिना बिल के सैनिटाइजर व मास्क नहीं बेचेंगे. इसकी जांच के लिए मनपा की टीम लगातार बस्तियों में स्थित मेडिकल दूकानों में बार-बार पहुंच रही है. कुछ मेडिकल संचालकों का कहना है कि ग्राहकों की भीड़ और उस पर टीम द्वारा परेशान किए जाने से वे त्रस्त हो गए हैं. जनता की सेवा के लिए वे रात 12 बजे तक भी दूकान में बैठ रहे हैं.
इधर, प्रशासन ने 200 एमएल सैनिटाइजर 100 रुपये में और मास्क 10 रुपये से अधिक में नहीं बेचने का आदेश जारी किया है. कुछ कम्पनियों के अच्छी क्वालिटी के सैनिटाइजर की खरीदी ही 150 रुपये या उससे अधिक की है. ऐसे सैनिटाइजर को वे 100 रुपये में कैसे बेच सकेंगे. अच्छा मास्क 10 रुपये में नहीं दिया जा सकता क्योंकि उसकी खरीदी ही उससे अधिक की है. ऐसे में कुछ मेडिकल वालों ने सैनिटाइजर व मास्क नुकसान पर बेचना बंद कर दिया है, क्योंकि उन्हें कार्रवाई का भय सता रहा है.
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